Cheque Bounce 2025: जेल, जुर्माना और अकाउंट फ्रीज से बचने के लिए जानें नए नियम

Cheque Bounce क्या है और क्यों होता है?

Cheque Bounce का मतलब है कि आपका चेक बैंक द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:

  • खाते में पैसे कम होना (Insufficient Funds) – यह सबसे बड़ा कारण है।
  • खाता बंद होना (Account Closed) – बंद अकाउंट से दिया गया चेक मान्य नहीं होता।
  • हस्ताक्षर न मिलना (Signature Mismatch) – बैंक रिकॉर्ड से सिग्नेचर अलग हो तो चेक बाउंस हो सकता है।
  • चेक की वैधता खत्म होना – चेक 3 महीने के भीतर जमा न करें तो वह बाउंस हो सकता है।
  • चेक रद्द करना (Stop Payment) – जारीकर्ता ने खुद पेमेंट रोक दी हो।
Cheque Bounce

Cheque Bounce पर 2025 के नए नियम और सख्त सजा

2025 में Cheque Bounce पर कार्रवाई और भी कड़ी कर दी गई है। अब ये होगा:

  • कानूनी नोटिस (Legal Notice) – चेक बाउंस होने पर 30 दिनों के अंदर जारीकर्ता को नोटिस भेजना जरूरी। 15 दिनों में भुगतान न करने पर केस दर्ज हो सकता है।
  • जुर्माना दोगुना (Double Penalty) – कोर्ट दोषी पाए जाने पर चेक राशि से 2 गुना तक जुर्माना लगा सकता है।
  • जेल की सजा (Jail Term) – 2 साल तक की सजा हो सकती है।
  • अकाउंट फ्रीज (Account Freeze) – लगातार 3 बार चेक बाउंस होने पर बैंक आपका खाता फ्रीज कर सकता है।
  • क्रेडिट स्कोर गिरना (Bad CIBIL Score) – लगातार बाउंस से आपका CIBIL स्कोर खराब होगा और भविष्य में लोन लेना मुश्किल।
  • कंपनी पर केस – अगर कंपनी का चेक बाउंस हो, तो कंपनी और डायरेक्टर्स दोनों पर केस हो सकता है।

Cheque Bounce कानूनी प्रक्रिया (Step by Step)

  1. बैंक से रिटर्न मेमो मिलता है।
  2. 30 दिनों में पेयी (धारक) नोटिस भेजता है।
  3. 15 दिनों में भुगतान न होने पर 30 दिनों में मजिस्ट्रेट कोर्ट में शिकायत दर्ज।
  4. दोषी पाए जाने पर 2 साल जेल + दोगुना जुर्माना + कोर्ट फीस
  5. बार-बार चेक बाउंस पर धोखाधड़ी का केस (IPC 420/406) भी लग सकता है।

ऑनलाइन शिकायत की सुविधा

  • अब Cheque Bounce की शिकायत ऑनलाइन कर सकते हैं।
  • बैंक 24 घंटे में SMS/Email से दोनों पक्षों को जानकारी भेजेगा।
  • बार-बार बाउंस होने पर बैंक खाता अस्थायी रूप से फ्रीज कर सकता है।

SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया)

  • 1 लाख तक: ₹150 + GST
  • 1 लाख से ऊपर: ₹250 + GST

HDFC बैंक

  • पहली बार: ₹400
  • दूसरी बार: ₹450
  • तीसरी बार: ₹500

ICICI बैंक

  • ₹200 – ₹500 (कारण के अनुसार)

PNB (पंजाब नेशनल बैंक)

  • 1 लाख तक: ₹150
  • 10 लाख तक: ₹250
  • 10 लाख से ऊपर: ₹500

Kotak बैंक

  • पहली बार: ₹350
  • दूसरी बार से: ₹750

Axis बैंक

  • प्रति मामला: ₹500

Bank of Baroda

  • 1 लाख तक: ₹250
  • 1 करोड़ तक: ₹500
  • 1 करोड़ से ऊपर: ₹750

Cheque Bounce से बचने के आसान टिप्स

  • हमेशा खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें।
  • चेक पर सही नाम, राशि और तारीख लिखें।
  • काली या नीली स्याही का ही उपयोग करें।
  • चेक को “Account Payee” बनाएं।
  • चेक की वैधता (3 महीने) ध्यान में रखें।
  • नोटिस मिलने पर 15 दिनों में भुगतान कर दें।

अंतरिम मुआवजा और अपील

  • धारा 143A – कोर्ट चेक राशि का 20% अंतरिम मुआवजा दे सकता है।
  • धारा 148 – अपील पर कम से कम 20% राशि जमा करनी होती है।
  • केस जीतने पर रकम ब्याज सहित वापस मिलती है।

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