RBI New Rules for EMI: अगर EMI नहीं चुकाई, तो स्मार्टफोन हो सकता है लॉक!

RBI New Rules for EMI: क्या जानना ज़रूरी है अगर आपने EMI नहीं चुकाई तो…

आज भारत में EMI (Equated Monthly Instalments) पर मोबाइल फोन खरीदना बहुत आम बात है। लेकिन RBI New Rules for EMI के प्रस्ताव से, अगर आप EMI समय पर नहीं देंगे, तो आपके मोबाइल फोन को रिमोटली लॉक किया जा सकता है। इस ब्लॉग में हम सरल भाषा में बताएँगे कि ये नियम क्या हैं, कैसे काम करते हैं, और आम जनता के लिए क्या असर होगा।

RBI New Rules for EMI —

परिवर्तन क्यों?
भारत में छोटे-उपभोग ऋण (consumer loans), खासकर इलेक्ट्रॉनिक सामान के लिए, जैसे मोबाइल फोन, तेजी से बढ़े हैं। कई लोग लोन पर फोन लेते हैं और EMI नहीं चुकाते। इस तरह के “डिफॉल्ट” की संख्या बढ़ जाने से बैंक या गैर-बैंक वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को आर्थिक नुक़सान हो रहा है।

नया प्रस्ताव क्या है?
RBI योजनाबद्ध कर रहा है कि लोन देने वाली कंपनियों को अनुमति मिले कि वे उन मोबाइल फोन को दूर से लॉक कर सकें जो EMI नहीं चुका पाए।

कब लागू होगा?
अभी ये नियम प्रस्तावित हैं। RBI जल्द ही Fair Practices Code (नियमों की न्यायपूर्ण प्रैक्टिस संहिता) में बदलाव करेगा।

क्या जरूरी शर्तें होंगी?

  • पूर्व-स्वीकृति (Prior consent): जब आप लोन लेंगे, तो आपको पहले से यह बताना होगा कि अगर EMI नहीं चुकाई गई तो फोन लॉक हो सकता है। आपसे लिखित या डिजिटल स्वीकृति ली जाएगी।
  • डेटा सुरक्षा (Privacy protection): फोन लॉक होने पर आपकी निजी जानकारी जैसे मेसेज, फ़ोटो, कॉन्टैक्ट आदि को किसी तरह से एक्सेस नहीं किया जाएगा। डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
  • जानकारी की पारदर्शिता (Transparency): लोन खाता खुलने के समय (loan agreement) आपको पूरी जानकारी दी जाएगी कि ना चुकाने पर क्या-क्या हो सकता है।
  • उचित प्रक्रिया (Fair procedure): सबसे पहले रिमाइंडर भेजा जाएगा, संभावना होगी कि अन्य उपायों के बाद लॉकिंग हो। लॉकिंग अंतिम उपाय होगा।

किस तरह काम करेगा ऐप या तकनीक?

  • फोन में एक ऐप या सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो सकता है जो लोन शुरू होने पर एक्टिवेट किया जाएगा, जिसमें वाक़ई में EMI की स्थिति ट्रैक की जाएगी।
  • यदि EMI चुकाने में देरी होती है, तो यह ऐप/सॉफ्टवेयर मालिक (lender) को सूचित करेगा।
  • यदि देरी ज़्यादा हो जाए और अन्य चेतावनियां काम न करें, तो लॉक कमांड भेजा जा सकता है।
  • लॉकिंग से सिर्फ फोन की पहुँच बंद होगी, लेकिन डेटा सुरक्षित रहेगा। आपकी कॉलिंग, मैसेजिंग, सोशल ऐप्स आदि को इस लॉकिंग से नुकसान नहीं होगा अगर डेटा प्रोटेक्शन नियमों का पालन हो।

कौन प्रभावित होंगे?

  • वो लोग जिन्होंने इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी आदि EMI पर लिए हों।
  • विशेषकर गैर-बैंक वित्तीय संस्थाएँ (NBFCs) क्योंकि ये कंपनी इलेक्ट्रॉनिक दरों पर कर्ज़ ज़्यादा देती हैं।
  • जिनकी EMI राशि छोटी-मोटी है (typical consumer durable loans)- ज़्यादा प्रभावित होंगे। गुजरात, दिल्ली, मुंबई, छोटे-शहरों में ये चर्चा ज़्यादा हो सकती है।

यह कदम क्यों उठाया जा रहा है? –
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि आरबीआई यह सुनिश्चित करना चाहता है कि ऋणदाता ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा बनाए रखते हुए छोटे आकार के ऋणों की वसूली कर सकें। अगर यह नियम लागू हो जाता है, तो बजाज फाइनेंस, डीएमआई फाइनेंस और चोलामंडलम फाइनेंस जैसे बड़े उपभोक्ता ऋणदाताओं के लिए वसूली बढ़ाना और खराब क्रेडिट प्रोफाइल वाले ग्राहकों को ऋण प्रदान करना आसान हो सकता है।

निष्कर्ष : “RBI New Rules for EMI” एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव है जो लोन डिफॉल्ट की समस्या से निपटने का एक तरीका है, लेकिन इसमें उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा और पारदर्शिता जरूरी है। यदि आप अच्छा-भला कर्जदार हैं और EMI समय से चुकाते हैं, तो इन नियमों से आपको कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन अगर कभी EMI चुकाने में दिक्कत हो, तो इन नए प्रस्तावों के मद्देनज़र सतर्क रहना ज़रूरी है।

Leave a Comment

WhatsApp WhatsApp Telegram Telegram