डोनाल्ड ट्रंप का नया $5 मिलियन ‘Gold Card’ वीजा प्रोग्राम दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है, खासकर भारत के हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और प्रोफेशनल्स के बीच। आइए समझते हैं इस योजना की खास बातें और इसकी सच्चाई:

1. क्या है ट्रंप का Gold Card वीजा?
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक द्वारा प्रस्तावित इस वीजा प्रोग्राम में, एक बार $5 मिलियन (लगभग ₹41 करोड़) का निवेश करने पर अमेरिकी स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) देने का वादा किया गया है।
2. कैसा दिखता है यह Gold Card?
लुटनिक ने बताया कि यह एक सोने की परत वाला कार्ड होगा, जिस पर ट्रंप की तस्वीर, सिग्नेचर और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी जैसी अमेरिकी पहचानें छपी होंगी। ट्रंप ने इसे अप्रैल में एयर फोर्स वन पर अनावरण किया और जून में trumpcard.gov नामक वेबसाइट पर वेटलिस्ट भी शुरू की गई।

3. भारत और मिडिल ईस्ट के HNIs की दिलचस्पी
टेक, हेल्थकेयर और फाइनेंस सेक्टर में काम करने वाले भारत के प्रोफेशनल्स, खासकर अमेरिका और मिडिल ईस्ट में बसे लोगों के बीच इस कार्ड के प्रति रुचि तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक दुनियाभर से 70,000 से अधिक लोग इस वेटलिस्ट में शामिल हो चुके हैं।
4. क्या यह EB-5 वीजा का विकल्प हो सकता है?
EB-5 वीजा पहले से मौजूद एक इन्वेस्टमेंट-बेस्ड ग्रीन कार्ड प्रोग्राम है, जिसमें करीब $800,000–$1 मिलियन का निवेश करना होता है। लेकिन ट्रंप का प्रोग्राम इससे कई गुना महंगा है। हालांकि यह सीधे ग्रीन कार्ड देने का वादा करता है, लेकिन…
5. वास्तविकता: कानूनी मंज़ूरी की कमी
अभी तक इस प्रोग्राम को अमेरिकी कांग्रेस से कोई कानूनी समर्थन नहीं मिला है। इसलिए इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह सिर्फ एक प्रस्तावित विचार है — कानूनन मान्य नहीं।

6. भविष्य क्या कहता है?
अगर ट्रंप 2024 या आगे राष्ट्रपति बनते हैं, तो यह योजना वास्तविकता में बदल सकती है। लेकिन फिलहाल के लिए इसमें केवल प्रचार है, प्रगति नहीं।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। डोनाल्ड ट्रंप का $5 मिलियन Gold Card वीजा प्रोग्राम अभी तक किसी आधिकारिक कानूनी रूप में लागू नहीं हुआ है। इसमें बताई गई सभी जानकारियाँ सार्वजनिक स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। वीजा या इमिग्रेशन से संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले, किसी अधिकृत वकील या एजेंसी से सलाह अवश्य लें।