हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है जो हर प्रॉपर्टी खरीदने वाले व्यक्ति को जानना जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) करवा लेने से आप प्रॉपर्टी के मालिक नहीं बन जाते। जब तक आपके पास बाकी जरूरी दस्तावेज नहीं होंगे, तब तक मालिकाना हक नहीं माना जाएगा।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
कोर्ट के अनुसार, सिर्फ Sale Deed (बिक्री पत्र) या Registry कराने से किसी को कानूनी मालिक नहीं माना जा सकता। मालिकाना हक साबित करने के लिए और भी दस्तावेजों की ज़रूरत होती है, जैसे कि:
फ्लैट या प्रॉपर्टी के लिए जरूरी दस्तावेज़:
- Sale Deed (बिक्री विलेख): सबसे जरूरी दस्तावेज जो रजिस्ट्री के समय तैयार होता है।
- Possession Letter (स्वामित्व पत्र): बिल्डर या पिछले मालिक से प्राप्त किया गया दस्तावेज़, जो प्रॉपर्टी पर कब्जा दर्शाता है।
- Allotment Letter: फ्लैट बुकिंग के समय जारी किया गया पत्र।
- Completion Certificate: यह प्रमाणित करता है कि निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
- Occupancy Certificate (OC): स्थानीय प्राधिकरण द्वारा जारी, जो दर्शाता है कि प्रॉपर्टी रहने लायक है।
- Mutation Certificate (नामांतरण प्रमाणपत्र): नगरपालिका रिकॉर्ड में मालिकाना हक ट्रांसफर का दस्तावेज़।
- Encumbrance Certificate: यह बताता है कि प्रॉपर्टी पर कोई कानूनी या वित्तीय बकाया नहीं है।
- Property Tax Receipt: संपत्ति कर का भुगतान किया गया हो, इसका प्रमाण।
- RERA Registration Details: यदि applicable हो तो, RERA से जुड़ी जानकारी भी ज़रूरी है।
यह फैसला क्यों है महत्वपूर्ण?
बहुत से लोग सोचते हैं कि केवल रजिस्ट्री से वे प्रॉपर्टी के पूर्ण मालिक बन जाते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि वास्तविक मालिकाना हक तभी मिलता है जब आपके पास सभी कानूनी दस्तावेज पूरे हों। खासकर म्युटेशन और पज़ेशन लेटर जैसे कागज़ बहुत अहम होते हैं।
क्या करें?
- खरीद से पहले सभी दस्तावेजों की जांच करें।
- RERA से मंजूर प्रोजेक्ट ही चुनें।
- वकील की मदद से डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन कराएं।
- म्युटेशन ज़रूर कराएं – यह लोकल अथॉरिटी में आपका नाम दर्ज कराता है।
निष्कर्ष:
अगर आप फ्लैट या प्लॉट खरीदने जा रहे हैं तो सिर्फ Registry करवाकर शांत न हो जाएं। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला बताता है कि लीगल ओनर बनने के लिए कई जरूरी दस्तावेज पूरे करने जरूरी हैं। एक भी दस्तावेज की कमी भविष्य में बड़ी परेशानी बन सकती है।