क्या आपको भी मोबाइल पर अजीब-अजीब मैसेज आते हैं जिनमें लिखा होता है – “आप जीत गए ₹10 लाख” या फिर “यहाँ से तुरंत लोन पाएं”? अब ऐसे फेक मैसेज को पहचानना आसान हो गया है।
TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने 6 मई 2025 से नया SMS हेडर सिस्टम लागू किया है। इसमें हर कमर्शियल मैसेज के आखिर में एक कोड होगा जिससे पता चलेगा कि वो मैसेज कहां से आया है और उसका मकसद क्या है।

TRAI कोड का फॉर्मूला क्या है?
हर मैसेज के एंड में ऐसा कोड दिखेगा:
[नेटवर्क][राज्य]-[ब्रांड]-[टाइप]
उदाहरण: VM-ZOMATO-S
S = सर्विस मैसेज
VM = Vodafone Maharashtra
ZOMATO = ब्रांड
कोड के टाइप्स और मतलब:
| कोड | मतलब |
|---|---|
| -P | प्रमोशनल (Offers, Deals) |
| -S | सर्विस (रिमाइंडर, अपडेट्स) |
| -T | ट्रांजैक्शनल (OTP, बैंक अलर्ट) |
| -G | गवर्नमेंट (सरकारी सूचना) |
उदाहरण से समझें:
- KA-MEESHO-P → कर्नाटक नेटवर्क से, Meesho ब्रांड का प्रमोशनल मैसेज
- TN-SBI-T → तमिलनाडु से, SBI का ट्रांजैक्शनल (OTP या अलर्ट)
- DL-GOVT-G → दिल्ली से सरकारी विभाग का गवर्नमेंट मैसेज
क्या बदला है नए नियम में?
- अब हर SMS के अंत में कोड लगाना जरूरी है
- पहले जो “Service Explicit” टाइप था, अब वो “Promotional” माना जाएगा
- यूजर्स को कुछ नहीं करना, सब टेलीकॉम कंपनियां खुद करेंगी
- फेक SMS भेजने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी

SPAM और Fraud से सुरक्षा
- अब आप 7 दिन के अंदर स्पैम की शिकायत कर सकते हैं (पहले 3 दिन थे)
- 10 अंकों के नकली नंबरों से आए मैसेज पर भी रिपोर्ट करना आसान हो गया है
- UCC (Unsolicited Commercial Communication) रोकने के लिए मजबूत DLT सिस्टम लागू