विक्रम इंजीनियरिंग लिमिटेड IPO: क्या यह बनेगा अगला मल्टीबैगर? निवेश से पहले जानें पूरी सच्चाई!
विक्रान इंजीनियरिंग लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) 26 अगस्त 2025 से खुलने जा रहा है। यह एक बुक-बिल्ट इश्यू है, जिसके जरिए कंपनी ₹772 करोड़ जुटाने का प्लान कर रही है। आइए, इस IPO से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां point by point समझते हैं:
विक्रम इंजीनियरिंग लिमिटेड आखिर करती क्या है?
साल 2008 में स्थापित, विक्रम इंजीनियरिंग लिमिटेड एक इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनी है। आसान भाषा में समझें तो यह कंपनी बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को डिजाइन करने से लेकर उन्हें पूरा बनाने तक का काम करती है।कंपनी मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में काम करती है:
- पावर सेक्टर: यह कंपनी पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के प्रोजेक्ट्स पर काम करती है। इसमें एक्स्ट्रा-हाई वोल्टेज (EHV) सबस्टेशन बनाना और बिजली वितरण के लिए नेटवर्क तैयार करना शामिल है
- जल अवसंरचना: कंपनी भूमिगत जल वितरण, सतही जल निकासी, ओवरहेड टैंक बनाने और वितरण नेटवर्क स्थापित करने जैसे प्रोजेक्ट्स को भी पूरा करती है।
- रेलवे और सोलर: पावर और पानी के अलावा, कंपनी रेलवे विद्युतीकरण और सोलर ईपीसी प्रोजेक्ट्स में भी अपनी विशेषज्ञता रखती है।
कंपनी के ग्राहकों में एनटीपीसी लिमिटेड, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और कई राज्यों के बिजली वितरण निगम जैसे बड़े सरकारी नाम शामिल हैं।
कंपनी की सबसे बड़ी ताकत क्या है?
किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी ताकत को जानना बेहद जरूरी है। विक्रम इंजीनियरिंग की कुछ प्रमुख ताकतें इस प्रकार हैं:
- मजबूत ऑर्डर बुक: 30 जून, 2025 तक कंपनी के पास 2,442 करोड़ रुपये से अधिक की मजबूत ऑर्डर बुक थी। कंपनी के पास वर्तमान में 16 राज्यों में 44 प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं जिनकी कुल कीमत 5,120 करोड़ रुपये है।
- तेजी से विकास: क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, विक्रम इंजीनियरिंग भारत की सबसे तेजी से बढ़ती ईपीसी कंपनियों में से एक है, जिसने वित्तीय वर्ष 2023-25 में इंडस्ट्री के औसत से कहीं ज्यादा रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की है।
- विविध पोर्टफोलियो: कंपनी का कारोबार सिर्फ एक सेक्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पावर, पानी, रेलवे और सोलर जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है, जो बिजनेस के जोखिम को कम करता है।
- अनुभवी प्रमोटर और मैनेजमेंट टीम: कंपनी के पास एक अनुभवी मैनेजमेंट है जो प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए जाना जाता है।
विक्रम इंजीनियरिंग IPO की पूरी जानकारी (IPO Details)
विवरण | जानकारी |
आईपीओ खुलने की तारीख | 26 अगस्त, 2025 |
आईपीओ बंद होने की तारीख | 29 अगस्त, 2025 |
प्राइस बैंड | ₹92 से ₹97 प्रति शेयर |
लॉट साइज | 148 शेयर |
कुल इश्यू साइज | ₹772.00 करोड़ |
फ्रेश इश्यू | ₹721.00 करोड़ |
ऑफर फॉर सेल (OFS) | ₹51.00 करोड़ |
न्यूनतम निवेश (रिटेल) | ₹13,616 |
शेयरों का अलॉटमेंट | 1 सितंबर, 2025 (संभावित) |
लिस्टिंग की तारीख | 3 सितंबर, 2025 (संभावित) |
लिस्टिंग | BSE, NSE |
रजिस्ट्रार | बिगशेयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड |
कंपनी ने अपने आईपीओ लाने के पीछे मुख्य रूप से दो उद्देश्य बताए हैं:
- लगभग ₹541 करोड़ का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
- बाकी बची हुई राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
क्या आपको इस IPO में निवेश करना चाहिए?
विक्रम इंजीनियरिंग लिमिटेड एक मजबूत बिजनेस मॉडल और शानदार ग्रोथ वाली कंपनी है। कंपनी का ऑर्डर बुक मजबूत है और इसके ग्राहक भी विश्वसनीय हैं। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि हाल के वित्तीय आंकड़ों के आधार पर इश्यू का मूल्य पूरी तरह से रखा गया है। इसका मतलब है कि यह बहुत सस्ता नहीं है। ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) की बात करें तो यह लगभग 18 रुपये के आसपास चल रहा है, जो इश्यू प्राइस पर करीब 18.5% का प्रीमियम दर्शाता है।
यह आईपीओ उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो मध्यम से लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं। लिस्टिंग पर बहुत बड़े मुनाफे की उम्मीद शायद न हो, लेकिन कंपनी की ग्रोथ को देखते हुए यह भविष्य में अच्छा रिटर्न दे सकता है।
Disclaimer: यह पोस्ट केवल सूचना और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे किसी भी तरह से वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए। शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है, कृपया निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।