केंद्र सरकार ने हाल ही में एक अहम घोषणा की है जिससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी। अब सरकारी कर्मचारी ₹25 लाख तक की ग्रेच्युटी (Gratuity) का लाभ उठा सकेंगे। पहले यह सीमा ₹20 लाख थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹25 लाख कर दिया गया है। आइए जानते हैं ग्रेच्युटी क्या होती है, यह किसे मिलती है, और इससे जुड़े नियम क्या हैं।

ग्रेच्युटी क्या है?
ग्रेच्युटी (Gratuity) एक प्रकार का सेवा-समाप्ति लाभ है, जो किसी कर्मचारी को उसकी सेवा के बदले कंपनी या नियोक्ता द्वारा दिया जाता है। यह एक आभार-राशि होती है, जो तब दी जाती है जब कर्मचारी:
- 5 वर्ष या उससे अधिक समय तक नौकरी करता है
- सेवानिवृत्त होता है
- या किसी कारणवश नौकरी छोड़ देता है / निधन हो जाता है
ग्रेच्युटी किसे मिलती है?
- सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र के स्थायी कर्मचारी
- जिन्होंने लगातार 5 साल या उससे अधिक की सेवा दी हो
- मृतक या दिव्यांगता की स्थिति में 5 साल की शर्त लागू नहीं होती

नए नियम के अनुसार क्या बदला है?
केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी की कर-मुक्त सीमा ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख कर दी है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर ₹25 लाख तक की ग्रेच्युटी मिलती है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
कैसे तय होती है ग्रेच्युटी की राशि?
(अंतिम प्राप्त मूल वेतन + महंगाई भत्ता) × सेवा वर्ष × 15/26
उदाहरण: अगर किसी कर्मचारी का अंतिम वेतन ₹50,000 है और उन्होंने 20 साल की सेवा की है, तो:
₹50,000 × 20 × 15/26 = ₹5,76,923 (लगभग)

इसका फायदा किसे होगा?
- केंद्रीय सरकारी कर्मचारी
- राज्य कर्मचारियों को भी यह लाभ दिए जाने की संभावना
- PSU (सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयाँ) और कुछ प्राइवेट कंपनियों में भी यह नीति लागू हो सकती है
सरकार का उद्देश्य:
सरकार चाहती है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा मिले और वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। इसीलिए यह सीमा बढ़ाना एक सकारात्मक और स्वागत योग्य निर्णय माना जा रहा है।
निष्कर्ष:
यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं और जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद है। नई ग्रेच्युटी सीमा से आपको टैक्स-मुक्त राशि में ₹5 लाख तक की अतिरिक्त छूट मिलेगी।